हमारे बारे में

बाल रोग विशेषज्ञों को न केवल विशेष अंग प्रणालियों और जैविक प्रक्रियाओं से, बल्कि पर्यावरण, सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों से भी सम्बंधित होना चाहिए, जिनका बच्चों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य और भलाई पर प्रमुख प्रभाव पड़ता है। इसलिए, इसे ध्यान में रखते हुए हम PEDGEN TEAM भारत को "2030 तक एकल अंक नवजात मृत्यु दर" के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने की जिम्मेदारी महसूस करते है।

बच्चे अपने लिए वकालत नहीं कर सकते। बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में जिनका पूरा उद्देश्य बच्चों की भलाई को आगे बढ़ाना है, उन्हें सभी बच्चों के लिए वकालत करनी चाहिए, चाहे वे किसी भी संस्कृति, धर्म, लिंग, नस्ल या जातीयता या स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सीमाओं के हों। इसलिए, हमने अपनी पहली प्राथमिकता बच्चों की स्वास्थ्य को अच्छी तरह से रखने की प्रयत्न किया है।

बच्चे अपने लिए वकालत नहीं कर सकते। बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में जिनका पूरा उद्देश्य बच्चों की भलाई को आगे बढ़ाना है, उन्हें सभी बच्चों के लिए वकालत करनी चाहिए, चाहे वे किसी भी संस्कृति, धर्म, लिंग, नस्ल या जातीयता या स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सीमाओं के हों। इसलिए, हमने अपनी पहली प्राथमिकता बच्चों की स्वास्थ्य को अच्छी तरह से रखने की प्रयत्न किया है।

बच्चों में संक्रमण के नियंत्रित करने के प्रयासों को पोषण की बेहतर समझ के साथ जोड़ा जाना चाहिए। इसलिए, हम सभी बच्चे के देखभाल कर्ताओं को अपने हाथ धोने की अत्यधिक अनुशंसा करते हैं क्योंकि यह बच्चे को संक्रमण से बचाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है साथ ही सभी नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने की भी क्योंकि स्तनपान बच्चे के लिए सबसे अच्छा पोषण है।

दस्त से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए अकेला ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओ.आर.एस) को व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है। वैसे ही नवजात मृत्यु दर को कम करने में के.एम.सी की क्षमता है। माँ को कम वजन के बच्चे की देखभाल में के.एम.सी करने का मौका दें जब तक कि बच्चा 2500 ग्राम का न हो जाए और सामान्य शिशु में 2सप्ताह तक स्तनपान स्थापित होने के लिए के.एम.सी. कराये ।

समय से पहले जन्म के कारण या गर्भकालीन उम्र के लिए छोटा (एस.जी.ए) या दोनों से काम वजन होना, नवजात मृत्यु के लिए प्रमुख जोखिम कारक है और नवजात मृत्यु दर, विकास न्यूनता और व्यस्को में शुरुआत गैर संचारी रोग के जोखिम में वृद्धि करता है। समय से पहले जन्म, विशेष रूप से <32 सप्ताह में नवजात मृत्यु का उच्चतम जोखिम होता है, जिसमें नवजात मृत्यु दर, दीर्घकालिक तंत्रिका विकास में न्यूनता और उचाई में कमी के साथ-साथ गैर-संचारी रोगो का ज्यादा जोखिम होता है। हम बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार के लिए जानकारी प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं।

प्रस्तावना

  1. बाल रोग विशेषज्ञों को न केवल विशेष अंग प्रणालियों और जैविक प्रक्रियाओं से, बल्कि पर्यावरण, सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों से भी सम्बंधित होना चाहिए, जिनका बच्चों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य और भलाई पर प्रमुख प्रभाव पड़ता है। इसलिए, इसे ध्यान में रखते हुए हम PEDGEN TEAM भारत को "2030 तक एकल अंक नवजात मृत्यु दर" के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने की जिम्मेदारी महसूस करते है।

  2. बच्चे अपने लिए वकालत नहीं कर सकते। बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में जिनका पूरा उद्देश्य बच्चों की भलाई को आगे बढ़ाना है, उन्हें सभी बच्चों के लिए वकालत करनी चाहिए, चाहे वे किसी भी संस्कृति, धर्म, लिंग, नस्ल या जातीयता या स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सीमाओं के हों। इसलिए, हमने अपनी पहली प्राथमिकता बच्चों की स्वास्थ्य को अच्छी तरह से रखने की प्रयत्न किया है।

  3. एक आबादी या राष्ट्र जितना अधिक राजनीतिक, आर्थिक या सामाजिक रूप से वंचित रहता है , बच्चों के लिए वकालत की आवश्यकता उतनी ही अधिक होती है । बच्चे अक्सर समाज के सबसे कमजोर या वंचितों वर्ग में से होते हैं और उनकी विशेष ध्यान देने की जरूरत होता है। इसलिए हम हर मां और परिवार को नवजात शिशु की देखभाल के बारे में आधारभूत जानकारी देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हर मां कंगारू मदर केयर (के.एम.सी.) शुरू करे, जो कम वजन वाले बच्चे तक ही सीमित ना हो बल्कि सामान्य वजन वाले बच्चे के लिए भी किया जाये क्योंकि के.एम.सी. स्तनपान शुरू करने और इसकी निरंतरता और पर्याप्तता के लिए एक लाभदायक तरीका है। प्रसव के पहले सप्ताह में कई परिवार दूध पाउडर खरीदना शुरू कर देते हैं और स्तनपान के महत्व को अस्वीकार करते हुए कृत्रिम फार्मूला आहार बच्चे को देते हैं। बच्चे के हर रोने के समाधान के लिए एक ढाल के रूप में पाउडर दूध को पेश किया जाता हैं और नवजात शिशु को न चाहते हुए भी हानि पहुंचाते हैं।

  4. बच्चों में संक्रमण के नियंत्रित करने के प्रयासों को पोषण की बेहतर समझ के साथ जोड़ा जाना चाहिए। इसलिए, हम सभी बच्चे के देखभाल कर्ताओं को अपने हाथ धोने की अत्यधिक अनुशंसा करते हैं क्योंकि यह बच्चे को संक्रमण से बचाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है साथ ही सभी नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने की भी क्योंकि स्तनपान बच्चे के लिए सबसे अच्छा पोषण है।

  5. दस्त से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए अकेला ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओ.आर.एस) को व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है। वैसे ही नवजात मृत्यु दर को कम करने में के.एम.सी की क्षमता है। माँ को कम वजन के बच्चे की देखभाल में के.एम.सी करने का मौका दें जब तक कि बच्चा 2500 ग्राम का न हो जाए और सामान्य शिशु में 2सप्ताह तक स्तनपान स्थापित होने के लिए के.एम.सी. कराये ।

  6. समय से पहले जन्म के कारण या गर्भकालीन उम्र के लिए छोटा (एस.जी.ए) या दोनों से काम वजन होना, नवजात मृत्यु के लिए प्रमुख जोखिम कारक है और नवजात मृत्यु दर, विकास न्यूनता और व्यस्को में शुरुआत गैर संचारी रोग के जोखिम में वृद्धि करता है। समय से पहले जन्म, विशेष रूप से 32 सप्ताह में नवजात मृत्यु का उच्चतम जोखिम होता है, जिसमें नवजात मृत्यु दर, दीर्घकालिक तंत्रिका विकास में न्यूनता और उचाई में कमी के साथ-साथ गैर-संचारी रोगो का ज्यादा जोखिम होता है। हम बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार के लिए जानकारी प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं।

संगठन-PEDGEN INDIA LLP

दूरदर्शिता

भारत को 2030 तक एकल अंक नवजात मृत्यु दर के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करना।

लक्ष्य

रोके जाने योग्य नवजात मृत्यु को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, माँ, परिवार, समुदाय को समग्र रूप से सशक्त बनाकर और उन्हें विशेष रूप से उन बच्चों के बारे में ज्ञान प्रदान करवाना जो समय से पहले जन्मे और कम वजन के हैं क्योंकि वे नवजात मृत्यु के बहुसंख्य कारण होते है।

Know More →

मूल्य

  1. सरलता।
  2. यथार्थ।
  3. कम संसाधन में अधिक करना।
  4. माँ को सशक्त बनाना और उन्हें मातृत्व का उत्सव मनाने में और एक सकारात्मक परिवार बनाने में सहयोग देना।
  5. एक ऐसा वातावरण बनाने की सुविधा देना जिसमें नवजात जीवित रहें, फलें-फूलें और अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचें।
  6. राष्ट्र के प्रति जवाबदेह।
  7. नवजात शिशु के संबंध में जानकारी देना।
  8. समूह में काम करना।

सभी नागरिकों से एक अपील

  1. वैश्विक नवजात मृत्यु में भारत का योगदान 25% से अधिक है। जन्म के पहले 28 दिनों के भीतर लगभग 7.6 लाख शिशुओं की मृत्यु हो जाती है।

  2. भारत सरकार ने 2030 तक एकल अंक नवजात मृत्यु दर का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में, यह प्रति 1000 जीवित जन्मों पर लगभग 22 है। इसलिए, बाल रोग विशेषज्ञों और बाल चिकित्सा नर्सों के पास नवजात शिशुओं की रोकथाम योग्य मृत्यु को समाप्त करने के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता है।

  3. कंगारू मदर केयर को जब सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ाया और लागू किया जाता है तो 5 लाख नवजात शिशुओं को बचाया जा सकता है।

  4. हम, PEDGEN का लक्ष्य कंगारू मदर केयर को सफल बनाने के लिए बाधाओं को दूर करना है।

सहयोग करे

हम माता-पिता और परिवार के सदस्यों को यह वेबसाइट का स्वास्थ्य जानकारी से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित होने के लिये 13 प्रमुख भाषाओं में देने का सोच रख्ते है ।

'निम्न आय स्तर के मां को कंगारू मदर केयर किट देने के लिए हमें सहयोग करें '

  • खाता संख्या : 735505500017

  • खाता धारक का नाम : PEDGEN INDIA LLP

  • आईएफएससी कोड: ICIC0007355